इंडियन यूनिवर्सिटीज को दुसरे देशो के शिक्षण संस्थानों की धोबी पछाड़ के बाद सरकार सचेत होते नज़र आ रही है। यही कारण है की वर्तमान के गंम्भीर मुद्दों में देश की शिक्षण नीति में बदलाव करने के विकल्प ढूंढे जा रहे है है। हाल ही में मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से वर्ल्ड क्लास इंस्टीट्यूशन की स्थापना के लिए योजना प्रारूप प्रकाशित किया है।
जिसके आधार पर टिप्पणियों को आमंत्रित किया गया है। इस योजन के अंतर्गत आई आई टी और आई आई एम के सभी संस्थानो को बहुविषयक बनाने की बात सामने रखी है। पिछले महीने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जवेदकर ने आई आई टी और आईआईएम के साथ की गयी बैठको में वर्ल्ड क्लास संस्थान बनाने के बारे में चर्चा की जा चुकी है।
फिलहाल आई आई टी तकनीक और आई आई एम केवल प्रबंध से जुड़े विषयो पर अपनी पकड़ बनाये हुए है। लेकिन इस योजना के अनुसार इन विषयो के अलावा अन्य कोर्सेज को भी इसमें शामिल किया जायेगा। इन संस्थानों के बेहतर विकास के लिए इन्हें डीम्ड यूनिवर्सिटी की तरह चलने का प्रस्ताव है। इसके अलावा इन संस्थानों में रिसर्च के बढ़ावे को योजना में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में नयी-नयी खोज हो सके।
आइवरी एजुकेशन के डायरेक्टर कपिल रामपाल कहते है ” आई आई टी में तकनीक के अलावा कोई अन्य विषय न होने के कारन स्टूडेंट वही तक सिमित रह जाते है। संस्थान की साख और टीचिंग क्वालिटी इतनी बेहतर है की दुसरे विषयो का विचार कई विद्याथियों का भविष्य उज्जवल करेगा।। फिर के एप्लीकेशन दूगनी या तिगुनी होने की सम्भावना है”
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